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गुरुवार, 26 अप्रैल 2012

आखिर क्यों ये काफी नही .. Is the feelings are bounded by words?


क्या ये काफी नही कि तेरा मुझसे कुछ और नही दिल का नाता है

क्या ये काफी नही कि तुझ पर ही शुरू और खत्म होती है तलाश मेरी

क्या ये काफी नही कि मेरी खामोशी को तुम शब्दों में बदल लेते हो

क्या ये काफी नही कि मीलों की दूरी भी, हमे तुमसे दूर नही कर पाती

क्या ये काफी नही तेरे साथ इक साये सा हमेशा मेरा अहसास रहता है

क्या ये काफी नही कि तेरी आंखों मे चमक लाती है सफलता मेरी

क्या ये काफी नही कि मेरे हर उलझे सवाल का जवाब तुम ही हो

क्या ये काफी नही कि तुमपर ही आकर ठहरती है हर आरजू मेरी

क्या ये काफी नही कि अपनेपन की परिभाषा तुमसे ही तो बनती है

क्या ये काफी नही कि तेरी सांसों की आहटों मे बसी है धडकन मेरी

क्या ये काफी नही कि तेरी पलकों के आशियाने में बसते है सपने मेरे

क्या ये काफी नही कि दर्द की घडियों में इक चाह्त होती है सिर्फ तेरी

क्या ढाई लफ्ज जरूरी है हमारी मोहब्बत की इबारत लिखने के लिये

क्या इक रिश्ते का बन्धन ही कह सकेगा कि मै थी हूँ और रहूंगीं तेरी

शनिवार, 14 अप्रैल 2012

जब तुम दूर होते हो..............


आती साँसे दिल में तेरी यादें ले कर आती हैं

जाती साँसे आँखों से आसूं बनकर बह जातीं हैं॥

हर पल बीते लम्हों की दास्तां ले कर आता है

हर घडी मेरी किस्मत पर हँस कर चली जाती है॥

रात तुम्हारे ख्वाबों को सजा करके ले आती है

सुबह की पहली किरण फिर दूर तुम्हे ले जाती है॥

मुश्किल से भी फुरसत का इक पल नही मिल पाता है

तेरी राह तकते तकते ही सुबह से शाम हो जाती है॥

गुरुवार, 5 अप्रैल 2012

क्या पता कल..............Who can see tomorrow


आज जो है संग तेरे, उनके साथ जी लो जिन्दगी,
क्या पता कल उनसे कभी, फिर मुलाकात हो कि ना हो....

राह में काँटें मिले तो भी रुको नही, बढते ही चलो,
क्या पता कल मंजिल को तेरा इन्तजार हो कि ना हो...

अश्क गर बहते हैं, तो बहने दो, रोको ना इन्हे,
क्या पता इस रेत में फिर कभी बरसात हो कि ना हो...

दोस्तों से दोस्ती का वादा, भूल कर भी ना करना कभी,
क्या पता कल उनको ही तुझपे ऐतबार हो कि ना हो...

मांगना है गर कुछ खुदा से, माँग ले तू आज अभी,
क्या पता कल माँगने जैसे तेरे फिर हालात हो कि ना हो...

शब्द जो मन में है तेरे, सहेज लो कोई कविता बनाकर,
क्या पता कल तेरे ही दिल में फिर ये जज्बात हो कि ना हो...


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